शेख़ जाफ़र खान
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30 Jun 2021 08:52 AM
आदरणीय को नमन ,
आपका बहुत बहुत आभार।
आई बरसात है,बिजुरी चमकी सारी रात है।
कल कल बहते झरने_ नदियां भी गात है।
मन भीगो लो, तन से डुबकी लगा लो।
हवाएं भी तो बह रही बादलों के साथ है।।
सुंदर अति सुंदर सर??