Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

हैं तो वो इंसान ही..
ना उसे औरत कहाँ जाता हैं
ना ही उसे आदमी कहाँ जाता हैं
उसे समाज से दुत्कार कर
किन्नर कहाँ जाता हैं………..?

बहुत खूबसूरत रचना Sidhant Sharma ji

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
18 Jun 2021 09:41 AM

बहुत बहुत धन्यवाद आपका।

Loading...