पंकज कुमार कर्ण
Author
5 Jun 2021 08:02 AM
शादी समझौता नहीं एक संस्कार होता है।
समझौता इस्लाम में होता है, हिंदू में नही।
5 Jun 2021 08:14 AM
अगर ऐसा होता तो आपको इसे लिखने की जरूरत नही होती
“बस कविता में ही कोई कोई
ऐसी लालसा लिखतें है।”
पंकज कुमार कर्ण
Author
5 Jun 2021 08:24 AM
अपवाद हर जगह होती।
आपके पास अपवाद हो सकती है।
कविता अपवाद पे नही बनती।
वैसे आप स्वतंत्र हैं अपवाद पे भी कविता बनाने के लिए।?
5 Jun 2021 08:41 AM
मेरा मकसद किसी के विचार बदलना नही सिर्फ अपने बताना था। माफी चाहूंगा इसके लिए।
वैसे भी 16 संस्कार में से जब 15नही बचे तो इस एक का भ्रम कब तक रहेगा पतानहीं
असहमत होते हुए भी विचार को इतनी एहमियत देने के लिए धन्यवाद
पंकज कुमार कर्ण
Author
5 Jun 2021 02:46 PM
?
शादी बस इक समझौता है
पर सबकी मर्जी से होता है
हँसने की फुर्सत ही नही इसमे
हाँ कोई कोई रोता है