दीपक श्रीवास्तव
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29 May 2021 01:25 PM
बहुत बहुत धन्यवाद “अनुनय” जी
देख के मौका,देते धोखा,कुछ लोग सयाने होते है।
अंतर्मन की ज्योति जलाना,दूर अंधियारे खोते है।।
बहुत सुंदर सर जी????