Rajesh vyas
Author
28 May 2021 05:05 PM
अशोक जी प्रणाम **हम भी पड़े,आप भी पड़े,चाहत है दे जाए कुछ जमाने को,
सपने अपने आगे बढे।।
“प्रकृति”तेरा हम पर रहम हुआ है।।
बड़ी अच्छी बात कही आपने ?
नमन।