Rajesh vyas
Author
27 May 2021 10:43 PM
लबों को आज सजने दो।
गीतों पे साज बजने दो।
झूमेगा नाचेगा मन मयूरा।
मोहब्ब्त के बादल गरजने दो।।
प्रणाम आदरणीय??
रजामन्दियों के राज हो गए ।
यूँ वो कुछ मेरे हमराज हो गए ।
बन गया तराना साथ उनके ,
जिंदगी गीतों के साज हो गए ।