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22 May 2021 10:01 AM

आकाश जी बहुत दिनों में आए हो।
कविता सुंदर लाए हो।
बरसते बादलों का उत्पात आंगन में।
गजल लिखी आपने झरते सावन में।।
प्रणाम ??

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बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय!

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