ओनिका सेतिया 'अनु '
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16 May 2021 08:22 PM
धन्यवाद जी
प्रतीकात्मक भावों से व्यक्त निष्ठुर मानव द्वारा प्राकृतिक संपदाओ के असीमित दोहन पर चिंतित संवेदनशील अतिसुंदर प्रस्तुति !
साधुवाद ! ?