Rajesh vyas
Author
12 May 2021 06:35 PM
प्रणाम उनियाल जी????
एक दिन तो यह विपदा जायेगी, नई सुबह आएगी, यही भरोसा लेकर जिसने यह कठिन दौर गुजार दिया, वह नये निर्माण का साक्षी भी बनेगा,बस भरोसा कायम रखने की कोशिश करते जाना है! सादर अभिवादन व्यासजी जी।