दीपक श्रीवास्तव
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11 May 2021 11:38 AM
बहुत सुंदर ‘अनुनय’ जी….शुक्रिया.?
आस विश्वास न खोने दो,
दरिया प्रेम का बहने दो।
गोता लगाइए, तंदुरुस्त हो जाइए,
गीत नेह के बजने दो।।
प्रणाम