Rajesh vyas
Author
8 May 2021 03:58 PM
उनियाल जी प्रणाम, उम्मीद की नाव सबको लहरों से पार करे।
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ना उम्मीदी के इस वातावरण में उम्मीद की एक हल्की सी लौ, शायद जीवन जीने में लोगों का संबल बन सके!