अच्छा लिखा है सर आपने किन्तु यहां पर आप जो सरकार की चूक बता रहे हैं वह चूक नही बल्कि नजर अंदाजी थी, उपेक्षा थी, और चुनावी जीत का स्वार्थ था।
चूक उससे होती है जिसे पता ना हो किन्तु केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय प्रकार के विशेषज्ञ है जो लगातार राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय स्तर पर सरकार को आगाह कर रहे थे ,इसके बाद आप इसको चूक नही कह सकते बल्कि इसे सरकार का घमंड,अज्ञानता, और बेखबरी थी। साथ ही अपने झूठ बोलने की क्रिया ओर अतिविस्वास। जबकि उनको सोचना चाहिए कि वे वायरस है इंसान नही। इसकी दुनिया केवल हाँ और ना पर ही चलती है। और यही हुआ सरकार भारतीय जनता को बेबकुफ़ बनाती रही और नए नए स्तरों पर धन उड़ाती रही और जरूरत की चीजों को नजरअंदाज कर दिया क्योकि सरकार को लगने लगा कि जैसे हिन्दू-मुस्लिम ,मंदिर-मस्जिद करके जनता को मूर्ख बना रहे हैं वैसे ही ईस्वर कोरोना से जीत का सहरा बांध लेते है ।
अच्छा लिखा है सर आपने किन्तु यहां पर आप जो सरकार की चूक बता रहे हैं वह चूक नही बल्कि नजर अंदाजी थी, उपेक्षा थी, और चुनावी जीत का स्वार्थ था।
चूक उससे होती है जिसे पता ना हो किन्तु केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय प्रकार के विशेषज्ञ है जो लगातार राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय स्तर पर सरकार को आगाह कर रहे थे ,इसके बाद आप इसको चूक नही कह सकते बल्कि इसे सरकार का घमंड,अज्ञानता, और बेखबरी थी। साथ ही अपने झूठ बोलने की क्रिया ओर अतिविस्वास। जबकि उनको सोचना चाहिए कि वे वायरस है इंसान नही। इसकी दुनिया केवल हाँ और ना पर ही चलती है। और यही हुआ सरकार भारतीय जनता को बेबकुफ़ बनाती रही और नए नए स्तरों पर धन उड़ाती रही और जरूरत की चीजों को नजरअंदाज कर दिया क्योकि सरकार को लगने लगा कि जैसे हिन्दू-मुस्लिम ,मंदिर-मस्जिद करके जनता को मूर्ख बना रहे हैं वैसे ही ईस्वर कोरोना से जीत का सहरा बांध लेते है ।