Phoolchandra Rajak
Author
2 May 2021 06:50 PM
बहुत बहुत आभार आपका जी
जीवन जीने का ढंग, कैसे जिया जाए क्या करना चाहिए, उसके गुण दोष को समझते हुए उसकी पुनरावृत्ति से पूर्व उसे कसौटी पर कसने का प्रयास किया जा सकता है! बहुत सुंदर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति के साथ समझाने का उपक्रम किया गया है! सादर अभिवादन रजक साहेब।