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आज विश्व हास्य दिवस है। हास्य से तन-मन प्रसन्न होता है। इसे सर्वोत्तम टॉनिक कहा जाता है, जो इम्यून सिस्टम की शक्ति को भी बढ़ाता है। कोरोना महामारी के इस दौर में हास्य भी संक्रमित है। बोलती बंद है। आइसोलेट है। बोरे में बंद बौरा गया है । आज हास्य दिवस पर बोरे से केवल हाथ निकाला है । कह सकते हैं यह दौर हास्य का नहीं । क्यों मनाएं यह दिवस । पर जिन्दगी रूकती कहाँ है । मन भी नहीं है । विश्व हास्य दिवस पर रस्म अदायगी के तौर पर हास्य को और आपको इस दौर की पीड़ा से उबारने का एक विनम्र प्रयास- मेरी उक्त कविता। आइए, हंसते भी हैं और प्रभु से गुहार भी करते हैं

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