सत्यमेव जयते!सच को कब तक छुपाया जा सकता है! वह बाहर निकल ही आता है! ऐसा ही कुछ आपके लेखन में झलक रहा है! साधुवाद श्रीमान जी आपको सादर प्रणाम।
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सत्यमेव जयते!सच को कब तक छुपाया जा सकता है! वह बाहर निकल ही आता है! ऐसा ही कुछ आपके लेखन में झलक रहा है! साधुवाद श्रीमान जी आपको सादर प्रणाम।