बहुत अच्छा लिखा है ।
मुझे अभी 13 अप्रैल को कोरोना हुआ और मैं घर पर ही ठीक हो गया ।
मुश्किल है पर हिम्मत ना हारो और जिजीविषा बनाये रखो , सब संतुलित होता जाता है। स्वयम में विस्वास रखो ।
जीना-मरना तो नियम है , जो होना होगा होकर रहेगा वस स्वयं पर विस्वास रखो।
कपाल भाटी और प्राणायाम जरूर करो , ये योग धर्म से ज्यादा शरीर के लिए जरूरी है क्योंकि सामान्य अवस्था मे हम अपने फेंफड़ों में गहराई से सांस नही भरते और प्राणायाम से हम गहरी सांस लेते है और गहराई से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालते हैं ,जिससे हमारे शरीर के लिए ज्यादा ऑक्सिजन मिलती है।
और ये सब अपना अपना अनुभव है और कुछ नही ।
फिर भी कहीं ना कहीं तो विस्वास करना ही होगा, भगवान में विस्वास करो उससे ज्यादा अच्छा है स्वयम में विस्वास कर शरीर की इम्म्युनिटी बड़ाई जाय ।
मांफ करना, छोटा मुह बड़ी बात ।
बहुत अच्छा लिखा है ।
मुझे अभी 13 अप्रैल को कोरोना हुआ और मैं घर पर ही ठीक हो गया ।
मुश्किल है पर हिम्मत ना हारो और जिजीविषा बनाये रखो , सब संतुलित होता जाता है। स्वयम में विस्वास रखो ।
जीना-मरना तो नियम है , जो होना होगा होकर रहेगा वस स्वयं पर विस्वास रखो।
कपाल भाटी और प्राणायाम जरूर करो , ये योग धर्म से ज्यादा शरीर के लिए जरूरी है क्योंकि सामान्य अवस्था मे हम अपने फेंफड़ों में गहराई से सांस नही भरते और प्राणायाम से हम गहरी सांस लेते है और गहराई से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालते हैं ,जिससे हमारे शरीर के लिए ज्यादा ऑक्सिजन मिलती है।
और ये सब अपना अपना अनुभव है और कुछ नही ।
फिर भी कहीं ना कहीं तो विस्वास करना ही होगा, भगवान में विस्वास करो उससे ज्यादा अच्छा है स्वयम में विस्वास कर शरीर की इम्म्युनिटी बड़ाई जाय ।
मांफ करना, छोटा मुह बड़ी बात ।