Rajesh vyas
Author
20 Apr 2021 11:31 PM
धन्यवाद आदरणीय ।
प्रेम एक नायाब उपहार है, जो प्रत्येक व्यक्ति को उसके हालात के अनुकूल ढलता चला जाता है,
जो मां से शुरू होकर पत्नी से फिसलकर पुत्र पुत्री और फिर नाती पोतों तक करवटें बदलते हुए आगे बढ़ जाता है!
इसका अहसास करने वाले ही इसकी अहमियत को समझते हैं! सादर नमस्कार।