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बहुत सुंदर अनु जी, ??प्यार की व्याख्या बहुत कठिन है,
” प्रेम बखान का का करे, कागद मसि कम पड़ जाए ।
प्रेम अपार अनंत है, प्रेम करह तर जाए ।।
??

मेरी रचना ” प्रेम के दोहे” जरूर पढे़ और अपनी राय दें । धन्यवाद ??

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