Shyam Sundar Subramanian
Author
11 Apr 2021 06:38 AM
दैनिक जीवन में घटित त्रासदी पर एक मूकदर्शक की भांति कुछ कर ना सकने की विवशता की अनुभूति को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
समाज में व्याप्त विडंबनाओं को बख़ूबी जानते हैं आप श्याम जी.