Bharat Bhushan Pathak
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12 Nov 2018 06:54 AM
धन्यवाद आदरणीय
आपके मार्गदर्शन हेतु धन्यवाद
माँ की महिमा का मनोहारी एवं हृदयस्पर्शी गायन। माँ के विराट स्वरुप का दर्शन कराती रचना। आपकी रचना पर 15 वां वोट मेरा भी।
रचना में संशोधन सुझा रहा हूँ –
माँ तु मेरी कल्पना की सागर = माँ तू मेरी कल्पना का सागर ( सभी स्थानों पर तु को तू लिखिये )
शुभकामनाएँ।