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15 Mar 2021 03:00 PM

समसामयिक विषयों पर अपनी बेलाग टिप्पणी करने में आप प्रवीण हैं, निर्धनता अभिशाप की तरह है जिसका निवारण जन-सरोकारों के लिए चुनी गई सरकार से अपेक्षित है किन्तु आज तक यह अभियान हिचकौले खाते हुए ही चल रहा है, इस पुनीत कार्य के लिए जन जागरूकता का भी अभाव रहा है और साथ ही असंवेदनशीलता ने भी इसे मंजिल तक पहुंचने में अवरोध पैदा किया लेकिन यह सब भी करने के उपरांत कुछ लोगों की प्रवृत्ति आश्रित बन जाने की हो गई है, इसके लिए आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है किंतु सरकारों की इच्छा शक्ति बहुत कमजोर और लागू करने वालों का दृष्टिकोण बहुत ही सतही व कामचलाउ तथा दिखाने के लक्ष्य प्राप्त करना भर रह गया है! आपकी चिंताओं से स्वयं को जोड़ते हुए इनके लिए निजी प्रयासों से जो बन पड़ता है करना अपना मानव धर्म समझता हूं।सादर प्रणाम श्रीमान श्याम सुंदर जी।

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15 Mar 2021 03:50 PM

साधुवाद !

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