सत्यता का आकलन दृष्टिकोण पर निर्भर करता है , इस प्रक्रिया में आकलनकर्ता की प्रज्ञा शक्ति एवं सामयिक परिस्थितियों के परिपेक्ष्य में आकलन की कसौटी पर सत्यता के परीक्षण में सत्य की सार्थकता का महत्व होता है ।
!कृपया इस विषय में विस्तृत विश्लेषण हेतु मेरे द्वारा प्रकाशित आलेख “सत्यता ” एवं “सत्य की खोज ” काव्य प्रस्तुति का अवलोकन करने का कष्ट करें !
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धन्यवाद !