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भाव स्पष्ट नहीं है , कृपया परिमार्जित कर प्रस्तुत करें !

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21 Feb 2021 10:45 AM

मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद, मैं सुधार के प्रयास करता रहूंगा । बस आपके ऐसे ही मार्गदर्शन की छाया बनी रहे ।??

आपकी प्रस्तुति को मैंने इस प्रकार पेश किया है :
कितना मुश्किल है कुछ बयाँँ करना,
दिल के जज़्बात ज़ुबाँ पर लाना ,
चोरी चोरी नजरों से क्यों ये इश्क़ लड़ाना ,
श़िद्दत – ए – मोहब्ब़त में इज़हार से क्या घबराना ,

श़ुक्रिया !

21 Feb 2021 12:54 PM

बहुत बहुत धन्यवाद सर जी ??

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