?? हाथ में फूल लिए मुझपे वो बरसाने लगे । धीरे- धीरे वो मेरे दिल में उतर आने लगे । बहुत उम्दा आदरणीय राजेन्द्र सिंह रही जी । हमारी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें पसंद आये तो अवलोकन कर वोट भी करें ।??? मैं आपकी रचना को 22वाँ वोट दे दिया हूँ । धन्यवाद । ????? मुझे आपके वोट का इंतजार रहेगा ।
?? हाथ में फूल लिए मुझपे वो बरसाने लगे । धीरे- धीरे वो मेरे दिल में उतर आने लगे । बहुत उम्दा आदरणीय राजेन्द्र सिंह रही जी । हमारी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें पसंद आये तो अवलोकन कर वोट भी करें ।??? मैं आपकी रचना को 22वाँ वोट दे दिया हूँ । धन्यवाद । ????? मुझे आपके वोट का इंतजार रहेगा ।