??थक गया है वो चूर हो होकर, जी रहा है ज़िन्दगी मजबूर हो होकर । उसे हँसाने का कोई रास्ता तुम्हें खोजना होगा। हसीं लम्हों में तुम्हें लोटना होगा। गजब लिखे हो विराज भाई जबरदस्त?? मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मैं आपकी प्रतियोगिता वाली रचना को वोट कर चुका हूँ । ध्यान रहे । आपके वोट का इंतजार रहेगा महोदय ।?????
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