??जो निज उल्लू सीधा करता, अवसरवादी जन बन जाए।
मनसीरत दुख सुख का साथी जन जन का सेवक बन जाए। बहुत सुंदर आदरणीय। ??मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें एवं पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मुझे आपके वोट का इंतजार है महोदय । ????????
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अवसरवादी जन बन जाए।
मनसीरत दुख सुख का साथी
जन जन का सेवक बन जाए। बहुत सुंदर आदरणीय। ??मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें एवं पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मुझे आपके वोट का इंतजार है महोदय । ????????