Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

??हर्षित हो मन आपका, बोले ऐसे बोल।
बाहर निकले होठ से, उससे पहले तोल।। बहुत ही सुंदर सृजन किया है आदरणीय । अतिसुंदर दोहा??मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें एवं पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मुझे आपके वोट का इंतजार रहेगा महोदया । ????????

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...