??हर्षित हो मन आपका, बोले ऐसे बोल।
बाहर निकले होठ से, उससे पहले तोल।। बहुत ही सुंदर सृजन किया है आदरणीय । अतिसुंदर दोहा??मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें एवं पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मुझे आपके वोट का इंतजार रहेगा महोदया । ????????
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