??लाल सिंदूर की लालिमा इतनी गहरी,
तेरे प्रेम से सजी मैं प्रेयसी हूँ तेरी । वाह क्या बात है प्रियंका प्रियदर्शिनी जी । बहुत ही सुंदर सृजन किया है आपने । मैं आपकी रचना को 48वाँ वोट दे रहा हूँ । ध्यान रहे ।??मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें एवं पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मुझे आपके वोट का इंतजार रहेगा महोदया । ????????
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