??पृथ्वी सिंह बेनीवाल जी?? बहुत सुंदर रचना है आपकी भी । खत अब वास्तव में दर्शन करने को भटक रही है । अब तो केवल ऑफिशियल खत आता है या फिर लिफाफा गैंग का खत आता है । बाकी तो सब व्हाट्सएप, फेसबुक और मैसेंजर से काम चलाता है । खतों के बारे में प्रेमपूर्ण कविता लिखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।
समय निकालकर मेरी कविता पर भी प्रकाश डालें एवं वोट देने की कृपा करें । मैंने आपको वोट दे दिया है । देख लीजिये ।
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