Jatashankar Prajapati
Author
23 Jan 2021 12:43 PM
सहृदय आभार?
किसानों के प्रति समर्पित एवं शासकों के द्वारा उपेक्षित व्यवहार पर की गई सटीक टिप्पणी, के साथ उन लोगों के नजरिए पर व्यंग्य जो किसान के मर्म को समझने के लिए तैयार नहीं है! काफी कुछ है आपकी रचना में!