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17 Jan 2021 12:03 PM

श्रीवास्तव जी, देश के नव रत्न में विराजमान स्वामी विवेकानंद जी के लिए रचित रचना में आपके द्वारा प्रयुक्त शब्द और उनके भाव से ही प्रतीत हो रहा है कि आप इस भारतीय पुरोधा के प्रभाव से अभिभूत हैं, आपकी यह श्रद्धा से मैं स्वयं को जोड़ने की कुचेष्टा करते हुए आपसे यह अपेक्षा रखता हूं, स्वामी जी के जीवन दर्शन से भविष्य में भी परिचित कराते रहेंगे!सादर अभिवादन श्रीमान “प्रेम “जी।

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