Manjeet Pahasouriya
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16 Jan 2021 06:59 AM
हृदय की गहराईयों से धन्यवाद जी
मनजीत जी, आपके द्वारा हरयाणवी बोली भाषा में जो रचना प्रस्तुत की है, उसमें एक ओर सरकार के प्रति किए गए भरोसे से टूटने पर अपनी नाराज़गी जताई है, तो भविष्य के लिए आगाह भी किया है, लेकिन आज जब सरकार ने देश के नागरिकों के दिलों दिमाग में यह बात भर दी है कि हम तो किसान के फायदे के लिए कानून बना कर उनका भला चाहते हैं लेकिन मुठ्ठी भर भरमाए गये लोग, और राजनैतिक दल इन्हें भड़काकर अपना हित साध रहे हैं, को वह लोग जो खेती किसानी नहीं करते के मन में यह बात बैठ गई है कि यदि किसान को एम एस पी पर गारंटी दे दी तो बाजार में भाव बढ़ जाएंगे जिसे उन्हें चुकाना पड़ता है,, तो वह सरकार के खिलाफ नहीं जाना चाहते, ऐसे में जब सरकार को बदलने का समय आएगा तो तब वह सरकार के साथ खड़े होकर उसका समर्थन करते हुए वोट देगा, जो ज्यादा संख्या में है, और किसान भाई उस समय हिन्दू मुस्लिम,जात पात,अपना पराया, एवं पार्टी के चक्कर में उलझकर रह जाएगा, और सरकार वही बनाएंगे जो सरकार चला रहे हैं! कहने और करने में किसान खंडित विचार रखने के कारण एक जूटता नहीं दिखा पाए हैं, फिर भी पूर्व किसान होने के नाते मेरी शुभकामनाएं किसान के साथ हैं,सादर नमस्कार।