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15 Jan 2021 09:57 PM

हां मैं किसान हूं! बहुत सही तथ्यात्मक भावों से भरपूर रचना से प्रभावित हुआ, किसान को पहचानने जानने के लिए कोई तैयार नहीं है, अपितु उसका तिरस्कार करने में जुटे हुए हैं।

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