AJAY AMITABH SUMAN
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13 Jan 2021 05:58 PM
जी बिलकुल
बिल्कुल सही कहा आपने .. ईश्वर को खोजना है तो अपने अंदर ही जाना होगा
ईश्वर कहीं और हैं भी नही वोह अंदर हैं जो डुबकी लगाएगा ..वोह ही हीरे मोती जैसे ईश्वर पाएगा ?
बहुत सुन्दर लेख अजय जी .. शुभकामनाएँ ??
मेरी रचना “कोरोना बनाम सिंह क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?