Shyam Sundar Subramanian
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13 Jan 2021 02:31 PM
धन्यवाद !
मानवीय अवगुणों से प्रकृति पर पड़ने वाले असर को मखी और मधुमक्खी के पात्र के द्वारा परिभाषित आपकी संवेदनाओं को मनुष्य के निजी स्वार्थ स्वभाव का विश्लेषण वस्तु परक यथार्थ है,सादर प्रणाम श्रीमान श्याम सुंदर जी।