Sanjeev Singh
Author
8 Jan 2021 01:07 PM
बहुत बहुत धन्यवाद जी
तुम्हारी नाक के नीचे, रिश्वतखोरी चलती है,
कभी तो ईमानदारी से, बेईमान देखा करो।
बहुत सुंदर बधाई संजीव जी। कृपया मेरी रचना भी देखें।