Rahul Gaur
Author
5 Jan 2021 06:57 PM
धन्यवाद भाई ??
धन्यवाद भाई ??
“सहरा, जंगल, गुलशन, दरिया, बांध लिये, जो कहता था,
चारदीवारी में है दुबका, ज़र्रे की सी हस्ती है!”
My personal favorite part…. Great Writing