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तुम्हे भूलने की ज़िद में खुद को ही भूल बैठे।
ये क्या सितम है तेरा जो खुद की ख़बर नहीं है।

दीपक जी बेहद खूबसूरत दर्द ए बयां।

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29 Dec 2020 09:38 PM

Dhanywad Ashok Ji?
प्रणाम स्वीकार करे।?

दीपक जी कोरोना पर मेरी कविता भी पढ़ें। धन्यवाद।

29 Dec 2020 10:15 PM

Bilkul ?

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