जो घाव तुुम्ने दिया था वो घाव ज़िंदा है अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है
तुम्हारी दिल से वही खेलने की आदत है हमारा अपना वही रख रखाव ज़िंदा है
जिंदा शायरी …
नज़ीर नज़र
You must be logged in to post comments.
जो घाव तुुम्ने दिया था वो घाव ज़िंदा है
अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है
तुम्हारी दिल से वही खेलने की आदत है
हमारा अपना वही रख रखाव ज़िंदा है
जिंदा शायरी …
नज़ीर नज़र