हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी , इस मरदूदी कोरोना से मेरा लाखों का सावन जाए , पास आते डर लगता है , के जरासिम जो मुझमें हैंं मेरे मरासिम से तुझ में ना आ जाऐं ,
श़ुक्रिया !
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हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी ,
इस मरदूदी कोरोना से मेरा लाखों का सावन जाए ,
पास आते डर लगता है , के जरासिम जो मुझमें हैंं मेरे मरासिम से तुझ में ना आ जाऐं ,
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