सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
12 Dec 2020 03:10 PM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
लोक-परलोक को आधार बनाकर रचित यह रचना जिसमें मनुष्य के रूप में जन्मे व्यक्ति के किए गए कर्म और उसके फल की मिंमासा का वर्णन प्ररेणा दायक है और सभी धर्मावलंबियों के लिए अनुकरणीय है।