गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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10 Dec 2020 12:52 PM
यही सत्य है..जी
ज़िंदगी तो बेवफ़ा है एक दिन ठुकराएगी ,
मौत महबूबा बनेगी साथ लेकर जाएगी,
इस जिंदगी पर कब किसी का क्या है आखिर इख्त़ियार ,
मौत जब आती संग ले जाती कब है करती इंतज़ार ,
श़ुक्रिया !