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ये ज़िंदगी कुछ उधार सी हो गई है ,
अब तो खुशी भी उधार लेनी पड़ती है ,
ए़़हसानों का कर्ज़ दिल में लिए रहते हैं ,
ज़िंदगी फ़क्त कर्ज़ उतारने के लिए जीते हैं ,

श़ुक्रिया !

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