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6 Dec 2020 01:37 PM

धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर प्रणाम!
वर्तमान परिवेश में जो महसूस कर रहा हूं उसे, सामने रखने का आधा अधुरा अधकचरा प्रयास कर रहा हूं! कुछ लोगों को असहमति भी रहती है पर लोकतंत्र में यही तो खुबसूरती है कि अपना नजरिया बेझिजक रखा जा सके।

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