होठों पर हंसी लिए ,पांव में छाले लिए , चलते रहे हम ज़िंदगी के श़िद्दत -ए- सफर में , राहे मुश्किल को झेलते , ठोकर खाकर संभलते, मंज़िल दर मंज़िल ,जोशे जुनूँ लिए आगे बढ़ते रहे ,
श़ुक्रिया !
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होठों पर हंसी लिए ,पांव में छाले लिए ,
चलते रहे हम ज़िंदगी के श़िद्दत -ए- सफर में ,
राहे मुश्किल को झेलते , ठोकर खाकर संभलते,
मंज़िल दर मंज़िल ,जोशे जुनूँ लिए आगे बढ़ते रहे ,
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