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23 Nov 2020 11:45 AM

विराज, उम्र के इस पायदान पर जो कुछ भी तुमने अभिव्यक्त किया है वह प्रशंसनीय है, यूं तो यह सब कुछ दिखने लगा है, किंतु इसकी पराकाष्ठा में अभी समय है, और हम-तुम इसको व्यक्त करते हुए आने वाली पीढ़ी को आगाह कर रहे हैं, लेकिन हमारे पूर्वजों ने भी यह प्रयास किया है ऐसा उनकी भावनाएं हमें पढ़ने सुनने को मिलती रहती है,मंतव्य यह है कि अपना दायित्व निर्वहन करते रहना है, बाकी समय और
आने वाली पीढ़ी स्वंय अपनी राह तय करेगी!सादर स्नेह।

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24 Nov 2020 06:47 AM

बिल्कुल सत्य कहा आपने सर !
आपकी इस स्नेहभरे और उच्चकोटि की टिप्पणी के लिए इस छोटे से विराज़ का शुक्रिया ।

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