ज़माने से इतने फ़रेब खाए हैं , के हमने हम़दर्दी जताना छोड़ दिया ,
श़ुक्रिया !
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ज़माने से इतने फ़रेब खाए हैं ,
के हमने हम़दर्दी जताना छोड़ दिया ,
श़ुक्रिया !