आज फिर तीरग़ी की ये शब़ रोश़न हुई है , तिरे यादों के दिए जो जलाएं हैं मैंने ,
श़ुक्रिया !
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आज फिर तीरग़ी की ये शब़ रोश़न हुई है ,
तिरे यादों के दिए जो जलाएं हैं मैंने ,
श़ुक्रिया !