Sudhir srivastava
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1 Oct 2020 10:49 PM
खुले मेंउनका भी उत्पीड़न, उन्हें रहम नहीं आया तो उनके साथ भी रहम न हो।फाँसी देखर मुक्त किये जाने के पक्ष में मैं नहीं हूँ ःः
सार्वजनिक सजा के प्रावधान से आपका क्या तात्पर्य है , कृपया स्पष्ट करें ?