Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2020 11:26 PM

धन्यवाद श्रीमान चतुर्वेदी जी,ना जाने कब तक जूझना पड़ेगा,इनको! यूं तो जवानों को भी, इस, समय अपनी सीमाओं की रक्षा करते हुए जान गंवानी पड़ रही है, लेकिन उनके बलिदान से एक ओर देश सुरक्षित होता है तो दूसरी ओर उनके परिवार के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग हो जाने से परिवार को थोड़ी राहत मिलने से परेशान नहीं होना पड़ता, लेकिन मजदूर-किसान को बेसहारा छोड़ दिया गया है।
सादर प्रणाम।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...